बाबा जी महाराज को अचानक एक अपने सच्चे सेवादार के घर जाना पड़ा, Baba Ji Ki Sakhi - Radha Soami Sakhi

बाबा जी महाराज को अचानक एक अपने सच्चे सेवादार के घर जाना पड़ा, Baba Ji Ki Sakhi - Radha Soami Sakhi

                   BABA JI KI SAKHI





बाबा जी महाराज अपने एक Sewadar के घर पहुंचे SAKHI - सतगुरु प्यारी संगत जी यह Sakhi बाबा जी के एक ऐसे सेवादार की है | एक ऐसा लड़का जो की बचपन से ही बाबा जी से प्रेम रखता था और गरीब था डेरा पहुंचने के लिए पैसे तक नहीं थे घर में एक बाबा जी की फोटो लगी हुई थी जिसको पड़कर काफी विनतियां किया करता था कि बाबा जी मुझे आपसे नाम दान लेना है और अभी मेरी उम्र नहीं हुई है लेकिन आप जी से ही नाम दान देना है सतगुरु की कृपा से जब उसके पास पैसे आते तो वह सत्संग के लिए भी पहुंच जाता, ऐसे ही जब एक दिन वह सत्संग में गया तो अंदर से बड़ी ही तड़प उठी की बाबा जी मुझे तो अभी-अभी नाम दान लेना है रोने लगा बाबा जी की फोटो पड़कर, तो उसे दिन बाबा जी उसके घर पहुंच गए आप सोचेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है

बाबा जी सेवादार घर गए baba ji ki sakhi

लेकिन संगत जी जब रात को वह सोया तो बाबा जी उसके सपने में आए और उसको नाम दान की बख्शीश कर दी जैसे कि बाबा जी नाम दान देते हैं वह उसका अभ्यास करने लगा लेकिन मन मे कभी-कभी विचार करता कि यह नाम सही भी है या नहीं जब उसकी उम्र नाम लेने के काबिल हो गई तो वह नाम लेने जब गया तो उसको नाम दान की पर्ची की बख्शीश हो गई और जब उसको नामदान मिला तो वही शब्द ही उसको नाम दान के लिए दिए गए जैसे कि सपने में बाबा जी ने उसको समझाया था तो सतगुरु बड़े ही दयालु होते हैं और हमारी अवस्था सभी की जानते हैं लेकिन यह जरूरत होती है । हमारे अंदर के प्यार की तड़प की,  लेकिन यह तड़प हमें अपने आप नहीं मिलती या तो सतगुरु की बड़ी ही दया होती है बख्शीश होती है तो कहीं जाकर वह मिलती है । तो ऐसे ही तड़प थी इस छोटे से सेवादार में और सूवादार उसको इसलिए कहते हैं क्योंकि वह हर काम जो भी करता था वह बाबा जी का काम समझ कर करता था ।

तो सतगुरु प्यारी संगत से जी यह थी बाबा जी की बड़ी ही प्यारी साखी

 राधा स्वामी जी

 You Can Watch More:-