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Radha Soami Sakhi |
ने सत्संग में एक ऐसी बात कही कि दिल को छु गई सोचा आप सबसे share करूं पसंद आये तो समझूंगा मेरी उंगलियों की मेहनत सफल रही उन्होने फरमाया - गुरु जब नामदान दे देते हैं तो हमारी संभाल धुरधाम तक करते हैं. हमारी हमेशा एक ही शिकायत रहती है कि मन नहीं लगता. जब मृत्यु के बाद काल हिसाब लेने आता है तो कहने लगता है "इसने तो भजन सुमिरन किया ही नहीं है ये मेरा जीव है." तब गुरु साहिब कहते हैं "भले ही इसने सुमिरन नहीं किया पर यह सुमिरन पर बैठा जरुर था. यह तुम्हारी(काल की) चालाकी है जो इसे सांसारिक चीजों में लगा देते हो , तुमने इसे मन देकर चालाकी की है. जीव की कोई गलती नहीं है. तुम ही बदमाश हो." दोस्तों सोचने की बात है हम सुमिरन नहीं भी करते हैं तो भी सतगुरु हमारी संभाल करते हैं तो क्यों न हम सुमिरन पुरी तरह करें ताकि गुरु को हमारी खातिर काल तक जाने की नौबत ही ना पडे 🌹🌹🌹🌹