'Satsang'
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Satsang | Satsang kya hai | Satsang kyon karna chahiye | Satsang benefits |
संगत जी "सत्संग का अर्थ है" सच के साथ मिल जाना, जुड़ जाना। भारत में बहुत पुराने समय से ही बहुत बड़े बड़े ज्ञानी संत महात्माओं ने ऋषि-मुनियों ने सत्संग के जरिए लोगों को सत्य का मार्ग दिखाया, भारत में सत्संग बहुत ही पुराने समय से चलता आ रहा है। सत्संग में जो सुख है वह और कहीं नहीं, जो खुशी है वह और कहीं नहीं मिल सकती। सत्संग में जाकर ही हमें इन सब गहरी बातों का ज्ञान होता है। कि हमारे जीवन की जो असली सच्चाई है वह क्या है। यह जीवन जो हम जी रहे हैं एक सपने की तरह ही है जब हम इस संसार को छोड़कर चले जाते हैं। परमात्मा की भक्ति से प्रापत रूहानी दोलत वह असल आत्मज्ञान हैं। उसके बारे में हमें सत्संग में जाकर ही पता चलता है सत्संग में ही हमारे हर रोज के जीने से संबंधित अच्छी-अच्छी बातों के बारे में समझाया जाता है। सत्संग में हमें अच्छे कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। जितना हो सके अपने जीवन में सत्संग जरूर करना चाहिए संतो से शिक्षा लेकर उनसे नाम प्राप्त कर के उनसे अच्छे गुण लेकर हमें अपने इस जीवन को सफल करना चाहिए। मैं उस सथान को जहां पर सत्संग होता है, अपना शीश झुका कर हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूं। जहां सत्य से जुड़ने का मार्ग बताया जाता है। सत्संग मालिक की दया से मिलता है ।
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