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Baba ji Satsang 10 September 2023 | Radha soami Satsang |
बाबा जी का सत्संग
'सतगुरु प्यारी संगत जी 10 सितंबर वाले दिन "बाबा जी ने डेरा में सत्संग" फरमाया। इस दिन बहुत ज्यादा संगत आई हुई थी, बाबा जी लगभग 8:30 से पहले ही सत्संग पंडाल में पहुंच चुके थे , बहुत ही सुहावना मौसम था बादल छाए हुए थे बाबा जी ने यह सत्संग तीसरी पातशाही की बानी से सत्संग फरमाया, HAR KI POOJA DULAMBH HAI आप जी ने सत्संग के दौरान समझाया कि हम मालिक की असली भक्ति को छोड़कर न जाने बहार के कितने ही कर्मकांड में फंसे हुए हैं, संत सतगुरु ने हमें समझाने के लिए न जाने कितने ही ग्रंथ लिखे हैं लेकिन हम सिर्फ उन्हें पढ़ते ही हैं उन पर अमल नहीं करते गहराई से यह नहीं सोचते कि उनके उपदेश क्या है। अगर हम गहराई से सोच विचार करें कि संत महात्मा असल में हमें समझना क्या चाहते हैं हमने अपने-अपने अलग-अलग तौर तरीके भक्ति करने के ढूंढे हुए हैं। लेकिन कोई संतो के कहे मुताबिक भक्ति नहीं करता । उस नाम को नहीं जप्ता कोई भी धर्म ले लो किसी भी धर्म में यह नहीं कहा गया कि मलिक दो है । मालिक एक है अगर मालिक एक है तो वह तो सबके अंदर है। हर गुरु ने हर धर्म मे अगर हम गहराई में देखें तो एक ही बात सामने आती है कि मलिक हमारे शरीर के अंदर है और मालिक नाम रूप में हर किसी में समाया हुआ है और यह जितनी भी कायनात है। सारी की सारी नाम के सहारे ही टिकी है नाम के साथ ही बनी है और जब यहा परले हो जाएगी तो सब कुछ नाम में ही समा जाएगा । संतों महात्माओं ने हमें समझाने मैं कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन हम अपने ही मनमर्जी करते हैं मर्जी के साधन अपनाते हैं और आसान से आसान तरीका अपनाकर भक्ति करना चाहते हैं । लेकिन जो गुरु कहता है उस पर हम अमल नहीं करते जो गुरबाणी कहती है उसे पर हम ध्यान नहीं देते। हमें संतों का कहां मानना चाहिए गुरु साहबान ने तो कोई किसी तरह की कसर ही नहीं छोड़ी । इसलिए वक्त रहते मलिक की भक्ति में लग जाना चाहिए । गुरु के कहे लगकर उनके अनुसार भक्ति करनी चाहिए नाम का सिमरन करना चाहिए यही एक आसान रास्ता है हमें करना क्या है बैठना है और मालिक को याद करना है । इससे और आसान तरीका क्या हो सकता है अपने 24 घंटे में से सिर्फ दसवां हिस्सा ही तो मालिक की याद में लगाना है । क्या हम मलिक के लिए इतना भी नहीं कर सकते। संगत जी इसी तरह बाबा जी ने सारे सत्संग में नाम के बारे में गुरु ने जो शिक्षा दी है उसके बारे में और नाम की भक्ति के बारे में समझाया।
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