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BABA JI DARSHAN QUESTION ANSWER |
BABA JI QUESTION ANSWER
Q. बाबा जी भजन सिमरन मे मन नही लगता तो हमे क्या करना चाहिए
Ans . बेटा भजन सिमरन तो हमें ही करना पड़ेगा मालिक ने दया मेहर कर कर हमें नामदान की दात दी है , अपने साथ जुड़ा है मन से तो हमें ही लड़ना पड़ेगा मन तो अपने मालिक का कहा मान कर बड़ी ईमानदारी से अपना काम कर रहा है, वह हमें बाहर की और लगाए बैठा है इसलिए मन अपना काम कर रहा है लेकिन हमें अपना काम करना पड़ेगा इसलिए जितना हो सके मन का कहा ना मानकर इसको भजन सिमरन में लगाने की कोशिश करनी चाहिए ।
Q. लड़की बाबा जी मैं बाहर कंट्री में जाना चाहती हूं क्या यह सही है।
Ans . बेटा अगर सामने कोई लक्ष्य है तो काम करने में कोई बुराई नहीं लेकिन हमेशा ऐसा काम करना चाहिए जिससे हमारा और हमारे घर वालों का फक्र से सिर ऊंचा रहे कभी भी कोई गलत काम में नहीं पड़ना चाहिए काम चाहे अपने देश में रहकर करें चाहे कहीं और देश में जाकर करें लेकिन हमें अपना काम इमानदारी से करना चाहिए और अच्छे काम में लगना चाहिए ।
Q. बाबा जी क्या सेवा करने से हमारे कर्म कटते हैं क्या सेवा करने से हमारे कई बुरे कर्मों का नाश हो जाता है
Ans. बेटा हमें इन सब बातों में नहीं पड़ना चाहिए हमें तो सिर्फ सेवा पर ध्यान रखना चाहिए उसका क्या फल मिलता है अगर हम ऐसी चीजों में अपना ख्याल रखेंगे पड़ताल रखेंगे तो मालिक भी उतने ही पडताल करेगा , इसीलिए हमें अपना कर्म सेवा समझकर करनी चाहिए , अगर हम इस तरह मन में सौदेबाजी का विचार रखेंगे तो यह बात सही नहीं मालिक बेहतर जानता है कि हमें क्या देना है हमें तो सेवा का अर्थ सिर्फ सेवा में ही रखना चाहिए
Q . बाबा जी क्या जिनको नामदान नहीं मिला क्या उनको आप लेने नहीं आएंगे
Ans . बाबाजी हंसते हुए अरे बेटा मैं कहां पर जा रहा हूं मैं तो यही हूं मुझे क्या जल्दी है कहीं पर जाने की तो संगत हंसने लगती है
फिर बाबा जी ने समझाया कि बेटा मालिक तो सभी को लेने आते हैं यह तो रिश्ता जोड़ने की बात है पहचान की बात है अगर हमारी पहले से ही पहचान हो जाए तो हमें पता चल जाता है कि हमें मालिक लेने आए हैं लेकिन अगर कोई पहले से पहचान ही नही की गई हो तो हमें कैसे पता चलेगा कि कौन आया है इसलिए मालिक तो सदा सभी को लेकर जाते हैं।
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