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Baba Ji Latest Question Answer Mumbai |
Anmolsakhisewa.in:- संगत जी राधा स्वामी' जी कल Mumbai में 'बाबा जी के साथ सवाल जवाब' हुए आधा घंटा सुबह पहले सत्संग फरमाया गया फिर कुछ शब्द पड़े गए और उनके बाद बड़े ही सुंदर सवाल जवाब हुए डल होजी की एक बाबा जी की फोटो काफी ज्यादा जो वायरल हुई थी जिसमें बाबा जी बड़े सुंदर लग रहे थे उसके बारे भी किसी ने सवाल पूछा और बाबा जी ने हजूर जी की तरफ मुड़कर हंसते हुए उनसे इशारे में कुछ पूछा भी तो आज मैं आपके साथ वही कुछ रूहानी और हसी मजाक वाले सवाल जवाब शेयर करने जा रहा हूं हाथ जोड़कर विनती है Website को जरूर सब्सक्राइब करें जी ।
पहला सवाल किसी ने किया कि बाबा जी आप जी की मेरे ऊपर बड़ी कृपा है दया मेहर है और आप जी मेरे ऊपर यह भी दया मेहर करना कि मैं उसको हजम कर सकूं फिर उसने कहा कि बाबा जी सारी दुनिया पैसे के पीछे दौड़ती है बाबा जी मैं चाहता हूं मुझे जितना मिला है इससे मेरा सारा कामकाज चल जाता है बाबा जी आप मेरे ऊपर बस इतनी दया मेहर करना कि मेरे अंदर का हाजमा सही रहे बाबा जी ने फरमाया कि बेटा मालिक ने जिसको जो भी देना था वह तो पहले ही दे दिया जरूरत है तो उसकी कदर करने की पैसा ना तो ज्यादा किसी के पास होगा ना ही कम होगा जो उसके कर्म है उसको उतना ही मिलेगा उसी के हिसाब से ही मिलेगा और बेटा हमें अपनी तरफ से मेहनत करते रहना है हमने कभी हिम्मत नहीं हारने बाबा जी ने फरमाया सब कुछ पैसा भी नहीं होता ठीक है पैसे से जिंदगी आसान हो जाती है लेकिन मालिक ने हमें यह जो मौका दिया है इसकी भी हमें कदर करनी चाहिए फिर उसी भाई साहब ने कहा कि बाबा जी कई बार जीवन में दुख आते हैं तो जी क्या करें बाबा जी ने फरमाया कि बेटा मालिक हमें कभी भी कोई दुख नहीं देता हमारे जो भी दुख हैं वह हमारे पिछले किए हुए कर्मों की वजह से ही आते हैं हमें हिम्मत नहीं हारने और उनसे सीखना है और आगे बढ़ना है बाबा जी कहने लगे जैसा बीज बीज वैसी ही फसल फिर काटनी पड़ेगी फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी आप जी ने मुझे कालू की बाड़ में दर्शन दिए थे तब भी मुझे कुछ हासिल हुआ उसने कुछ ऐसे ही पूछा था तो बाबा जी ने फरमाया कि बेटा हमने तो अपना एक लक्ष्य आगे रखना है हमने जो भी करना है अपने लक्ष्य को सामने रखकर करना है जो बच्चे हैं आजकल के थोड़ा जल्दबाजी करते हैं सो हमने जल्दबाजी नहीं करनी हमने मालिक के हुकम में रहना है हमने मालिक के भाने में रहना है फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी आप मेरे ऊपर इतनी दया मेहर करना कि मैं अपने माता-पिता की सेवा कर सकूं बाबा जी ने फरमाया बेटा मालिक ने हमें विवेक की ताकत दी है हमें यह जो जामा दिया है हम अपना सभी काम सोच विचार से कर सकते हैं और जितनी भी जूनिया है वो भोग जूनिया है और इंसान की जूनी ही एक ऐसी जूनी है जो कर्म जूनी में आती है और हमें अपने विवेक से काम लेना है बाबा जी कहते विवेक के साथ तर्क भी आता है अगर हम अपने माता-पिता की सेवा करते हैं तो हमारे बच्चे भी हमारी सेवा करेंगे हम जैसे भी कर्म करते हैं हमें वैसा ही भुगतान देना पड़ता है अगर हम अच्छा कर्म करेंगे तो हमारे आगे से भी अच्छा कर्म ही आएगा अगला सवाल किसी ने किया कि बाबा जी मेरा कोई सवाल नहीं है लेकिन आप पंच गांव में जरूर आना बाबा जी ने फरमाया बेटा अब मैं कहां कहां पर जाऊंगा अब मैं ऐसा करूंगा कि मैं सत्संग किया करूंगा और हुजूर को हुजूर जी को भेजा करूंगा सत्संग सेंटरों में फिर अगला सवाल एक लड़की ने किया तो उसने बाबा जी से पूछा कि बाबा जी आप कैसे हो बाबा जी ने आगे से कहा कि बेटा मैं बहुत ही बीमार हूं तो बाबा जी ने कहा कि बेटा अच्छा भला तो हूं तो पहले जब बाबा जी ने बोला कि मैं बहुत बीमार हूं बाबा जी ने थोड़ा आवाज को बदलकर बोला तो सभी संगत बड़ा ही बाबा जी का जवाब सुनकर हंसने लग गई थी बाबा जी ने कहा जिसको एक बार जिसने एक बार कह दिया हो कि मैं ठीक हूं तो फिर उसको बार-बार ऐसा सवाल पूछा जाता है फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी जो जन्म से ही सुन नहीं सकते हैं तो वह फिर कैसे नाम लेकर उसकी कैसे भक्ति कर सकते हैं बाबा जी ने फरमाया कि बेटा हमें जो भी जन्म मिलता है जहां भी मिलता है अपने कर्मों के हिसाब से मिलता मालिक कभी भी पक्षपात नहीं करता मालिक जब भी हमें देता है हमें अपने कर्मों के हिसाब से ही देता है इसलिए मालिक ने हमें जो जो कुछ भी दिया है हमने तो उसकी कदर करनी है उसका शुक्रिया अदा करना है फिर किसी लड़की ने बाबा जी से पूछा कि बाबा जी आप कैसे हो बाबा जी बोले कि बेटा आपने मेरे से पूछ पूछ कर मुझे बीमार करना है मैं सही तो हूं फिर बाबा जी ने कहा कि मैं कैसा लग रहा हूं फिर लड़की कहती कि बाबा जी आप अच्छे लग रहे हो बाबा जी कहते जो बोलना शुरू कर दे कि मैं बीमार हूं ऐसे है वैसे है बाबा जी कहते फिर लोग उसको नहीं पूछते कि वह बीमार है तो सारी संगत और हुजूर जी भी हंसने लगे फिर लड़की ने कहा कि बाबा जी घर में डोग पालना चाहती हूं क्या हम डोग पाल सकते हैं बाबा जी ने कहा कि बेटा शादी करो और पति को पालो तो सभी हसने लगे बाबा जी बोले डॉग पसंद है इंसान नहीं पसंद सभी संगत फिर हंसने लगी फिर उस लड़की ने कहा कि बाबा जी आप मेरे ऊपर दया करना संभाल करना तो बाबा जी फिर कहने लगे कि मेरे को तो यह बेनती करनी पड़ेगी कि शादी करो और पति को संभाल कर रखो फिर बाबा जी का जवाब सुनते ही संगत खड़खड़ करर हंसने लगी फिर किसी ने अगला सवाल किया कि बाबा जी जब हम भजन सिमरण करते हैं और हमारी रूह दसव द्वार में चली जाती है तो क्या फिर दोबारा हमें जन्म मरण की जूनी में आना पड़ता है बाबा जी ने कहा बेटा यह बात होती है हमारी अवस्था की हुकम के साथ होता है जो कुछ भी होता है बाबा जी ने फरमाया कि बेटा जब तक हमारा मन माया के दायरे से ऊपर नहीं उठता तब तक हम मन के दायरे में ही रहते हैं और जब हम मन के दायरे में होते हैं तो हम कहीं भी गिर सकते हैं और जब हम मन और माया के दायरे से ऊपर रूहानियत में चले जाते हैं तो फिर बेटा मालिक की मौज है फिर वापस नहीं आना पड़ता फिर एक लड़की ने सवाल किया कि बाबा जी यह सवाल इंग्लिश में था तो मैं आपको समझाने की कोशिश कर रहा हूं तो लड़की ने बाबा जी से कहा कि बाबा जी मैं कभी भी वहां डेरे में नहीं गई ब्यास भी नहीं गई मैं कहीं नहीं गई मैं तो पहली बार यहां आपके दर्शन कर रही हूं पहली बार आई हूं तो उसने कुछ राधा स्वामी के बारे जब पूछा तो बाबा जी ने समझाया कि बेटा राधा स्वामी कोई अलग से धर्म नहीं है हमें तो यहां समझाया जाता है कि हमने अपने जीवन को किस तरह से जीना है किस तरह से हमने इसको विचारना है और जो कुछ भी सभी धर्म ग्रंथों में लिखा हुआ है महापुरुषों ने लिखा है उसको किस तरह से गहराई से हमने उसके ऊपर विचार करना है और उसके अनुसार अपने जीवन को बिताना है बाबा जी ने फरमाया जब हम उन सभी विचारों को गहराई से जब विचार हैं तो हमें पता चलेगा कि हमें प्रैक्टिकली जब करेंगे तो एहसास होगा कि रूहानियत कैसे हम कमा सकते हैं हम कैसे उस चीज के लायक बनेंगे और कैसे उसको हासिल कर सकते हैं यह हमने विचार करना है सभी जो धर्म ग्रंथों में दर्ज लिखा होता है उस पर विचार करना है और अमल करना है फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी जब हम भजन सिमरण करते हैं तो हमें हल्का महसूस होता है रूह चढ़ना शुरू कर देती है लेकिन आगे नहीं पढ़ पाती लेकिन आगे नहीं बढ़ पाती बाबा जी ने कहा बेटा जो सुरत है वो अपने आप ऊपर जाएगी हमने जोर जबरदस्ती नहीं करनी हमने तो चुपचाप भजन सिमरन में बैठना है जब हम भजन सिमर करेंगे तो हमारी सुरत अपने आप ऊपर की तरफ जाएगी फिर उसने कहा बाबा जी सभी को सभी के ऊपर दया मेहर करना बाबा जी ने कहा बेटा मालिक ने जो दया करनी थी वह कर दी है सब कुछ मिलेगा हर किसी को मिलेगा तो अपनी करनी का मिलेगा फिर उसने कहा कि बाबा जी आप मुझे पक्का इस जूनी से ले जाएंगे बाबा जी ने कहा कि मैं कच्चा काम करता ही नहीं मैं पक्का काम ही करता हूं तो बाबा जी ने जब उसको ऐसा बोला तो उसको बड़ा ही खुशी का अनुभव हुआ तो उसने बोला बाबा जी थैंक यू आप जी ने मुझको यकीन दिला दिया फिर किसी ने सवाल किया कि कई बार बाबा जैसे घी होता है उसमें नॉनवेज वगैरह मिक्स होता है कई बार हमें पता नहीं चलता और जिन चीजों का पता होता है हम उसका इस्तेमाल नहीं करते तो बाबा जी कई बार अगर हम जिसका इस्तेमाल कर बैठते हैं क्या बाबा जी जो हमें पता ही नहीं होता तो क्या हमें उसका भुगतान देना पड़ेगा बाबा जी ने फरमाया कि बेटा कोई भी उसे जानबूझकर नहीं करता फिर बाबा जी ने कहा इंसान को पता है कि क्या सही है और क्या गलत है बाबा जी ने फरमाया बेटा अगर हम कोई भी गलत चीज खा लेते हैं गलती से या फिर जानबूझकर क्या उसका असर होगा या फिर नहीं होगा बाबा जी ने कहा कि बेटा हमने तो उससे इदर हने की कोशिश करनी है जिस चीज से बच सकते हैं पूरा बचने की कोशिश करनी चाहिए अगर कोई गलती से भी चीज खा लेते हैं तो कर्मों का हिसाब किताब तो देना ही पड़ता है फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी आप मुझे अपना प्रेम बख्श दो आप मेरे ऊपर दया मेहर कर दो बाबा जी ने फरमाया बेटा हमें इंसान का जामा मिला है इसका मतलब यह नहीं कि हम मांगते ही रहे बेटा हमने अपनी करनी में जाहिर करना है मालिक ने जो कुछ भी हमें देना था वह दे दिया अब हमने अपनी करनी में उसको जाहिर करना है ऐसे मांगने से हमें कुछ नहीं मिलने वाला बिन मांगे मोती मिले मांगे मिले ना कोए जब हम अपनी करनी में भजन सिमरन जाहिर करेंगे तो मालिक जरूर बख्श करता है फिर हमें मांगने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी वह मालिक सब कुछ जानता है उसको किसी बात का ऐसे नहीं कि पता नहीं मालिक तो हर चीज हर किसी की अवस्था को बेहतर जानता है बाबा जी कहने लगे बिन बोलिया सब किछ जानता किस आगे कीजे अरदास फिर किसी ने कहा बाबा जी दया करनी बाबा जी ने बोला कि मैं नहीं करनी आपने तो खुद अपने ऊपर दया करनी है जो बच्चा होता है वह अपनी पढ़ाई लिखाई खुद करता है मां-बाप तो उसको समझा सकते हैं उसके सबक को आसान बना सकते हैं लेकिन मेहनत बच्चे को खुद करनी पड़ती है फिर एक सवाल किसी भाई ने किया पहली बार आया था वह बोला बाबा जी कि मैं वह बोला बाबा जी मैं बिहार से हूं और मैंने पहले कभी भी राधा स्वामी के बारे नहीं सुना था बाबा जी मैं काम करता हूं लेकिन मेरे पास पैसा नहीं जुड़ता बाबा जी कहते बेटा पैसा जुड़ता किसके पास है बाबा जी ने समझाया कि बेटा जो बाहर की दौलत है वह तो हाथ की मैल है बाबा जी ने फरमाया बेटा जो सच्ची दौलत है वह मालिक का प्यार है मालिक का इश्क है अगर हम मालिक की शरण में आएंगे तो वह हमारी जिम्मेदारी अपने आप उठाएगा और जो मालिक हमारी जिम्मेदारी उठाएगा तो फिर हमें किसी से भी मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी और हमें किसी के आगे मोहताज होने की जरूरत नहीं पड़ेगी फिर बाबा जी ने समझाया कि आए जाए सो माया बाबा जी कहते यह जो दौलत है बेटा यह तो आती जाती रहती है लेकिन जब हम उस मालिक के साथ जो असल सच है उसके साथ जुड़ेंगे तो फिर वह कभी दौलत कम नहीं होगी और फिर हमारा पार उतारा होगा फिर एक बहन ने बाबा जी से सवाल किया कि बाबा जी आपने मुझे प्यारा हस्बैंड दिया है प्यारी फैमिली दी है परिवार दिया है बच्चे प्यारे दिए हैं आपका बहुत थैंक यू तो बाबा जी कहने लगे कि बेटा सासू मां का जिक्र नहीं किया बाबा जी ने जैसे ही इतनी बात बोली तो संगत बड़ा जोर-जोर से हंसने लग गई बाबा जी ने कहा कि आपने ऐसा तो बोला ही नहीं कि सासू मां बहुत अच्छी है और जहां पर सासू मां की बात ना हो तो वहां पर लगता है कि थोड़ी गड़बड़ है तो दोबारा से संगत खड़खड़ हसने लगी फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी आपका थैंक यू मैं दो साल से ट्राई कर रही थी आपने मुझे मौका दिया फिर वह बहन कहने लगी कि बाबा जी आपने जो ब्लैक जैकेट और पैंट पहनी हुई थी आप उसमें बड़े ही सुंदर लग रहे थे बाबा जी कहते कि आप मुझे इतनी गर्मी में जैकेट डलवाना चाहते हो तो सारी संगत हंसने लग गई बाबा जी की फोटो जो वायरल हुई थी दलहोजी में उसकी बात चल रही थी और फिर वह बहन हजूर जी को कहने लगी कि हजूर जी आपकी स्माइल बड़ी ही सुंदर है बाबा जी ने गर्दन घुमाई और हजूर की तरफ देखा और स्माइल की बाबा जी ने जैसे ही समाइल की तो हुजूर भी स्माइल करने लग गए तो बाबा जी ने बोला कि बाय दवे यह शादीशुदा है जब बाबा जी ने बोला शादीशुदा है हजूर तो सारी संगत खड़खड़ करर हंसने लग गई तो साथ संगत जी इस सवाल में थोड़ा हंसी मजाक वाला माहौल बाबा जी ने बना दिया था बाबा जी ने यह भी बोला कि जो हजूर जी के सोहरा साहब हैं वह यहां के जो कि पहले सेक्रेट्री थे तो उन्होंने कहा कि थोड़ा बचकर रहना मतलब कि वह पहले यहां सेक्रेट्री रह चुके थे अब तो लेकिन अब तो वह डेरे में रहते हैं तो इस सवाल में संगत काफी ज्यादा हंसने लगी थी फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी मुझे फ्यूचर की बड़ी टेंशन रहती है ऐसे है वैसे है बड़ी टेंशन होती है बाबा जी ने समझाया कि बेटा किसी को पता है कि कल क्या होना है बाबा जी ने समझाया कि बेटा चार अच्छा भी बोलते हैं बुरा भी बोलते हैं हमने तो जवाब उस मालिक को देना है फिर किसी ने सवाल किया कि बाबा जी हमें पता भी है कि जो लोग हमारे साथ नहीं है फिर भी उनके जाने से हमें दुख क्यों होता है कि हमने तो अपने आप जीना सीखना है यहां पर कोई भी अंत तक किसी के साथ निभा नहीं सकता यहां पर तो महापुरुष भी आए हैं वह नहीं रह सके इसलिए हमने तो सभी ने ही यहां से जाना है बाबा जी ने समझाया कि बेटा जिस दिन मालिक का बुलावा आएगा हर किसी ने यहां से निकलकर जरूर चले जाना है फिर किसी ने सवाल किया कि बाबाज जी मुझे ऐसा शादी के लिए लड़का देना जो मुझे आपके साथ जोड़ी रखे बाबा जी ने फरमाया कि बेटा हम दूसरों की जिम्मेदारी को देखते हैं लेकिन हमने तो अपने आप को देखना है अपनी जिम्मेदारी को देखना है बाबा जी ने फरमाया कि अगर बेटा जीवन साथी अच्छा हो तो जिंदगी आसान हो जाती है फिर वह बहन कहने लगी बाबा जी दया मेहर करना ऐसे है वैसे है तो बाबा जी ने बोला थैंक यू मुझे याद दिलाने के लिए फिर उसने बोला दया मेहर करना बाबा जी बाबा जी ने कहा बेटा मैंने नहीं करना आपको गलत बाबा मिल गया है बाबा जी ने समझाया बेटा गुरु का क्या मकसद है कि आपको सही दिशा में समझाए आपको जो भी मिलेगा आपकी खुद की करनी से ही मिलेगा बाबा जी ने फरमाया कि बेटा अगर हमें बिना करनी के मिल भी जाए तो हम उसकी कदर नहीं करते इसलिए जो करनी से करते हैं मिलता है उसकी कदर भी बनती है और संभाली भी जाती है तो यहां पर फिर सवाल जवाब खत्म हो जाते हैं तो साथ संगत जी इसके बाद बाबा जी ने खुली कार में दर्शन भी दिए थे।
Radha Soami Ji