जो नाम तो ले लेते हैं लेकिन सिमरन के लिए वक्त नहीं निकालते | RADHA SOAMI SATSANG QUESTION ANSWER
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Radha soami naam daan | baba ji naam daan |
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BABA JI KE SAKHI | RADHA SOAMI SATSANG
NAAM DAAN | RADHA SOAMI JI SAKHI
साध संगत जी, "कई बार हम नामदान तो ले लेते हैं । लेकिन सिमरन करने के लिए वक्त ही नहीं निकालते ।।यह बात बिल्कुल ऐसे ही है जिस तरह से हम बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए तो भेज देते हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए समय ही नहीं होता । तो हम सब जानते ही हैं फिर बच्चे का किस तरह का नतीजा आने वाला है । अगर बच्चा स्कूल जाता है और अपने टीचर्स को माथा टेक कर और स्कूल का चक्कर लगाकर घर आ जाए । तो फिर हम उसकी हालत खुद समझ सकते हैं, इसी तरहा अगर सतगुरु ने दया मेहर करके हमें नाम के काबिल समझा है, और मालिक ने दया मेहर की, हमें सतगुरु से मिलाया , सत्संग बख्शा और जब हमे कुछ समझ लगी तो हम ने नाम के लिए अपनी इच्छा प्रकट कर दी, लेकिन नाम लेकर उसका अगर सिमरन ही नहीं किया, उसके लिए हमने वक्त ही नहीं निकाला, तो हम तो उल्टा सतगुरु के हुक्म के उलट हो गए, हमने नाम लेकर नाम की कमाई तो क्या करनी थी । बल्कि सतगुरु के आगे और ज्यादा अपनी कमजोरियां दिखाने लग गए। सतगुरु हमेशा हमें हिदायत करते रहते हैं कि भजन सिमरन के लिए वक्त निकालो, यही वह सच्ची कमाई है जो इस संसार में भी और आगे भी हमारे काम आएगी। लेकिन हम सतगुरु की बात को समझते ही नहीं और एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं। हमें ऐसा नहीं करना चाहिए, हमें सतगुरु का कहा मानने की पूरी पूरी कोशिश करनी चाहिए, तभी सतगुरु खुश होंगे, कि हां मैंने अपने शिष्य को नाम दिया और उसने भी मेरी बात मानी । इसलिए सत गुरु प्यारी साध संगत जी अपनी तरफ से पूरी पूरी कोशिश करते रहना चाहिए कि हम सतगुरु का हुकुम मानकर सिमरन करें ।