डेरा ब्यास के संत सतगुरु के नाम |
Who is the first second third fourth and fifth creator of Rssb? |
गुरु प्यारी साध संगत जी डेरा ब्यास में सबसे पहले जो गुरु आए थे उनका नाम बाबा जैमल सिंह जी था बाबा जैमल सिंह जी महाराज जी ने नाम दान स्वामी जी महाराज जी से लिया था स्वामी जी महाराज
जो कि आगरा में रहा करते थे । बाबा जैमल सिंह जी को बचपन से ही रूहानियत का शौक था और वह बचपन से ही पूरे सतगुरु की खोज में घर से निकल पड़े थे काफी समय बाद खोज करने के बाद बाबा जैमल सिंह जी महाराज जी को स्वामी जी महाराज जी के बारे में जब पता चला तो उन्होंने स्वामी जी महाराज जी की खोज करते करते उनके सत्संग में जा पहुंचे, जहां पर बाबा जैमल सिंह जी की मुलाकात अपने सतगुरु स्वामी
जी महाराज जी से हुई और उन्होंने वहां से नामदान प्राप्त किया और स्वामी जी महाराज जी ने ही उनको हुकुम दिया था कि वह बयास पंजाब में जाकर नाम दान देना शुरू करें सत्संग करना शुरू करें बाबा जैमल सिंह जी के जो शिष्य हुए उनका नाम बाबा सावन सिंह जी महाराज जी था । इसी तरह बाबा जैमल सिंह जी ने अपनी गद्दी बाबा सावन सिंह जी को दी और बाबा सावन सिंह जी ने अपने गुरु गद्दी बाबा जगत सिंह जी महाराज जी को सौंपी और आगे चलकर बाबा जगत सिंह जी ने गुरु गद्दी महाराज बाबा गुरचरण सिंह जी को दी और महाराज बाबा गुरचरण सिंह जी ने अपने बाद गुरु गद्दी बाबा
गुरिंदर सिंह जी को दी जो कि अब मौजूदा गुर गद्दी पर मौजूद गुरु है साध संगत जी इसी तरह से डेरा ब्यास में से संत सतगुरु आए और उन्होंने अपने बाद अपने शिष्यों को गुर गद्दी दी