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Baba ji ke sakhi | Radha soami sakhi | Beas sakhi |
Baba ji ke sakhi
गुरु प्यारी साध संगत जी यह साखी एक ऐसी महिला की है जिसका पति बहुत ही ज्यादा शराब पिया करता था, वह महिला डेरा ब्यास बहुत जाया करती सत्संग भी सुना करती और बहुत सारी सेवा करने भी जाया करती , लेकिन उसका पति शराब पिया करता था वह अपने पति को अक्सर यह बात कहती, कि तुम्हें भी मैं अपने साथ ले चलूंगी जब मैं बाबा जी के पास नाम दान लेने के लिए जाऊंगी । तब तुम भी नाम दान ले लेना और तुम फिर शराब छोड़ देना । उस व्यक्ति ने कहा चलो ठीक बात है , जब तुम नाम दान लेने के लिए जाओगी तो मैं भी तुम्हारे साथ ही चल पड़ूंगा , जब वह दोनों पति-पत्नी डेरा ब्यास में जब नाम दान के लिए पर्चियां कटाने का समय आया, तो वे दोनों वहां पर जा पहुंचे । साध संगत जी उसके पति को नाम दान के लिए पर्ची मिल गई, लेकिन उसकी पत्नी को नहीं मिली , वो व्यक्ति तो बहुत खुश हुआ, लेकिन उसकी पत्नी मन में सोचती है कि उसने तो इतनी सेवा की , इतने सत्संग सुने, इतनी बार डेरे आई लेकिन उसका पति जिसने कुछ किया ही नहीं , उसको तो जाते ही बाबा जी की कृपा से नामदान की पर्ची मिल गई , उसके बाद उसको कम से कम 10 बार जाना पड़ा , तब कहीं जाकर उस महिला को नाम दान के लिए चुना गया , साध संगत जी हमें मन में कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि हम बहुत ज्यादा सत्संग सुनते हैं , बहुत ज्यादा सेवा करते हैं , इसलिए हमें पहले नाम दान के लिए चुना जाएगा, यह तो किस्मत की बात है , बाबा जी की दया मेहर कब किस पर पड़ती है और किस तरह से पडती है , यह कोई नहीं जानता जिसके नसीब में नाम दान लेना जब लिखा होता है , तब महाराज की कृपा से बाबा जी की कृपा से वह खुद ही डेरे पहुंच जाता है और उसे बाबा जी नाम दान देते हैं , साध संगत जी नाम दान मिलना कोई छोटी बात नहीं होती इसलिए हमें चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें सतगुरु का हुक्म मानने का, साध संगत जी इसी तरह से और भी अच्छी अच्छी साखी पड़ने के लिए हमारे इस वेबसाइट पेज को सब्सक्राइब करना ना भूले जी ।
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