जो व्यक्ति सत्संग नहीं जाना चाहता था बाबा जी ने की दया मेहर Baba Ji Ke Sakhi 2022 Rssb

जो व्यक्ति सत्संग नहीं जाना चाहता था बाबा जी ने की दया मेहर Baba Ji Ke Sakhi 2022 Rssb

 बाबा जी की साखी |NEW BABA JI KI SAKHI


Baba ji ke sakhi beas rssb



गुरु प्यारी साध संगत जी यह साखी एक ऐसे व्यक्ति की है जो कभी भी सत्संग नहीं सुनता था,  ना ही किसी गुरु में विश्वास रखता था लेकिन मन में परमात्मा के प्रति झुकाव था कभी मालिक के बारे में बुरा नहीं बोलता था । एक बार उसके गांव की एक बूढ़ी महिला जो कि हर सत्संग पर जाया करती थी पास के ही सत्संग घर में , एक दिन वह अपने साथियों से थोड़ा लेट हो गई जिसकी वजह से वह सत्संग नहीं जा पाई , देरी होने की वजह से उस बूढ़ी औरत को वह व्यक्ति दिखा जो सत्संग नहीं जाया करता था,  उस बूढ़ी औरत ने उस व्यक्ति से कहा कि कृपया आप मुझे सत्संग घर छोड़ आए, वह व्यक्ति उस उस बूढ़ी औरत को सत्संग घर छोड़ने के लिए चल पड़ा , जब सत्संग घर पहुंचा तो उसके मन में विचार आया कि बूढ़ी औरत है इसे जरा और पास तक छोड़ा दू,  जब वह सत्संग घर पहुंच गया अंदर तक तो उसने सत्संग घर से कुछ शब्दों को सुनो कि मुक्ति सतगुरु के बिना नहीं हो सकती ।  जो व्यक्ति कभी सतसंग नहीं चाहता था इन शब्दों ने उसका जीवन ही बदल दिया कहते हैं ना कि जीवन बदलने के लिए तो कुछ शब्द ही काफी है इन शब्दों ने वही काम किया जिस पर हम यह विचार करते हैं,  कि कुछ शब्द ही जीवन बदल सकते हैं । जब उसने यह बात सुनी कि  सतगुरु के बिना मुक्ति नहीं सतगुरु के पास चाबी होती है सचखंड का दरवाजा खोलने की , इन शब्दों ने उस व्यक्ति के मन पर बहुत गहरा प्रभाव डाला उस दिन के बाद वह कभी भी सत्संग नही छोड़ता, सेवा भी खूब करता और सतगुरु की दया से उस व्यक्ति को फिर नामदान मिला और खूब भक्ति करने लगा । जो कि पहले से डेरा जाते थे उनसे भी ज्यादा लगन उस व्यक्ति में जाग पड़ी । साध संगत जी कहते हैं ना कि जब वक्त आता है तो सतगुरु अपने आप ही उस रूह को खींच लेते हैं , जो उसके काबिल होती है जिसको सतगुरु ने अपने साथ ले जाना होता है । 

साध संगत जी आज की साखी में बस इतना ही