Baba Ji Maharaj ke sakhi Beas एक व्यक्ति घर में शराब रखकर नाम लेने जा पहुंचा । Radha Soami Sakhi

Baba Ji Maharaj ke sakhi Beas एक व्यक्ति घर में शराब रखकर नाम लेने जा पहुंचा । Radha Soami Sakhi

 गुरु प्यारी साध संगत जी यह साखी की एक ऐसे व्यक्ति की है जो डेरा ब्यास में नाम दान लेने के लिए गया लेकिन वह शराब पिया करता था और जब वह डेरा ब्यास में नाम दान लेने के लिए गया तो उसने दारु घर में रखकर यह विचार किया कि अगर नाम दान मिल गया फिर तो दारू छोड़ देगा, शराब पीनी छोड़ देगा अगर उसे नामदान नहीं मिला तो घर में आकर फिर वह रखी शराब को पीऐगा जब वह महाराज जी के पास नाम दान लेने पहुंचा, लाइन में लगा हुआ, जब धीरे-धीरे कर उसका नंबर आया तो 


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 महाराज जी के पास पहुंचा तो महाराज जी ने उसे कहा कि बेटा जो शराब तुम घर में रख कर आए हो पहले उसे खत्म कर लो फिर बाद में यहां आकर नामदान लेने आजाना ।  साध संगत जी सतगुरु जानी जान होते हैं वह व्यक्ति हैरान रह गया कि जिस नीयत से आया था । महाराज जी को उसकी नीयत के बारे में पता चल गया ।  उस व्यक्ति ने बताया कि वह बहुत पछताने लगा उसने कहा कि वह एक बार दोबारा फिर से महाराज जी के पास नाम दान लेने के लिए गया लेकिन इस बार वह घर में शराब रखकर नहीं गया ,

 बल्कि पूरी श्रद्धा से गया,  तो महाराज जी ने दोबारा जब वह नाम दान लेने पहुंचा, तो महाराज जी ने उसे कहा कि अब की बार ठीक है, साध संगत जी उसे नाम दान मिल गया यह होती है सतगुरु की दया मेहर सतगुरु सब जानी जाना होते हैं ।