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ANMOL SAKHI SEWA SATSANG SANTMAT |
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🌻चारण_स्पर्श🌻💐💐प्राचीन काल से अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की प्रथा चली आ रही है और विश्वास कीजिये इससे बहुत लाभ होता है चरण स्पर्श करने वाले को। आइये जानते है कुछ लाभ चरण-स्पर्श से प्राप्तियां बड़ों के चरण छूने से हमें अनेक फायदे होते हैं।
चरण-स्पर्श करते समय मन में अहंकार का भाव नहीं रहता। हमारे मन में विनम्रता का भाव जाग्रत होता है। बड़ों के आशीर्वाद के माध्यम से हमें सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। दोनों हाथों से पैर छूने से हमारा योग-प्राणायाम् भी होता है जिससे शरीर स्वस्थ्य रहता है। सामने वाला कितना भी कठोर हो आशीर्वाद के स्वर निकल ही आते हैं। लगातार चरण-स्पर्श से जहां हमारे अन्दर का अहंकार मिट जाता है वहीं सामने वाला कितना भी बड़ा विरोधी हो, विरोध करना बन्द कर देता है। चरण-स्पर्श से हमारी संस्कृति जीवित रहती है और हमारा समाज में सम्मान बढ़ता है। तो मित्रो अपने से बड़ों को चरण स्पर्श कर उन्हें सम्मान दें बड़ों के चरण स्पर्श करके उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। विशेष तौर पर जब आप किसी जरूरी काम से कहीं जा रहे हों या कोई नया काम शुरू कर रहे हों। इससे सफलता की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल इसके पीछे अध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक कारण छुपा है। इस परंपरा के पीछे कई कारण मौजूद हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बड़े लोगों के पैर छुने से हमारे पुण्य में बढ़ोतरी के साथ साथ बल , बुधि,विद्या ,यश और आयु की स्वत: वृद्धि होती है। साथ ही उनके आशीर्वाद स्वरूप हमारा दुर्भाग्य दूर होता है और मन को शांति मिलती है एवं विनम्रता का भाव जागृत होता है। आपके शरीर की उर्जा चरण स्पर्श करने वाले व्यक्ति में पहुंचती है। श्रेष्ठ व्यक्ति में पहुंचकर उर्जा में मौजूद
नकारात्मक तत्व नष्ट हो जाता है। सकारात्मक उर्जा चरण स्पर्श करने वाले व्यक्ति से आशीर्वाद के माध्यम से वापस मिल जाती है। इससे जिन उद्देश्यों को मन में रखकर आप बड़ों को प्रणाम करते हैं उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है। पैर छुना या प्रणाम करना , केवल एक परंपरा या बंधन नहीं है। यह एक विज्ञान है जो हमारे शारीरिक, मानसिक और वैचारिक विकास से जुड़ा है। पैर छुने से केवल बड़ों का आशीर्वाद ही नहीं मिलता बल्कि अनजाने ही कई बातें हमारे अंदर उतर जाती है। पैर छुने का सबसे बड़ा फायदा शारीरिक कसरत होती है , तीन तरह से पैर छुए जाते हैं। पहले झुककर पैर छुना , दूसरा घुटने के बल बैठकर तथा तीसरा साष्टांग प्रणाम। झुककर पैर छुने से कमर और रीढ़ की हड्डी को आराम मिलता है दूसरी विधि में हमारे सारे जोड़ों को मोड़ा जाता है , जिससे उनमें होने वाले स्ट्रेस से राहत मिलती है , तीसरी विधि में सारे जोड़ थोड़ी देर के लिए तन जाते हैं , इससे भी स्ट्रेस दूर होता है। इसके अलावा झुकने से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है , जो स्वास्थ्य और आंखों के लिए लाभप्रद होता है। प्रणाम करने का तीसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे हमारा अहंकार कम होता है। किसी के पैर छुना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना , जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत : ही खत्म होता है। इसलिए बड़ों को प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया। अत: प्रत्येक रोज़ प्रातकाल में और किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले हमें अपने घर के बड़े बुजर्गों के ,माता पिता के चरण स्पर्श अवश्य करने चाहिए ,इससे हमारे कार्य में सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है , हमारा मनोबल बढ़ता है और सकारात्मक उर्जा मिलती है नकारात्मक शक्ति घटती है.💐💐🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴
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